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DEPARTMENT OF HINDI
महाविदयालय की स्थापना सन 1972 ई. मे. हुई महाविदयालय की स्थापना से ही द्वित्तीय भाषा हिंदी और ऐच्छिक हिंदी के रुप में पढाया जा रहा है । वस्तुतः महाराष्ट्र अहिंदी क्षेत्र होने कारण को ध्यान में रखकर हिंदी भाषा को पाठयक्रम को हिस्सा बनाया गया है। हिंदी राष्ट्रभाषा के साथ साथ संपर्क भाषा, राज भाषा, व्यापार कि भाषा तथा विधि की भाषा भी रही है । अतः हिंदी के प्रति छात्रों का विशेष प्रेम रहा है राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति प्रेम को देखकर श्री. शिवाजी शिक्षण प्रसारक मंडळ,बार्शी व्दारा संचालित इस महाविदयालयने हिंदी विशय को मुख्य और ऐच्छिक भाषा के रुप में स्थान दिया है । हिंदी भाषा कला शाखा के साथ साथ विज्ञान और वाणिज्य शाखा मे भी द्वितीय भाषा के रुप में अध्ययन अध्यापन का विषय रहा है । दूरदर्शीता : 1. हिंदी विभाग छात्रों को वैचारिक, मानवीय और नैतिक दृष्टि से सबल बनाता है। 2. विभाग की और से नियमित रूप से कक्षाओं का आयोजन तथा गुगल कक्षा के माध्यम से हिंदी साहित्य और समीक्षात्मक क्षेत्र का अनुभव, ज्ञान प्रदान करता है। 3. विभाग जिम्मेदार शिक्षार्थियों और शोधकर्ताओं को विकसित करने के लिए काम करता है। 4. हिंदी विभाग की ओर से छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएच्.डी. के लिए तैयार करता है। 5. हिंदी विभाग स्वतंत्र और सहयोगात्मक अनुसंधान पर जोर देता है। 6. विभाग छात्रों के विभिन्न लक्ष्यों और पृष्ठभूमि को स्वीकार करते हुए सक्रिय शिक्षार्थियों को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। उद्देश्य : 1. हिंदी भाषा और साहित्य के विस्तृत परिचय और ज्ञान प्राप्ति के लिए छात्रों के लिए उचित माहौल बनाना और बनाए रखना। 2. छात्रों और समाज के बीच सामंजस्य बनाकर नैतिक, आदर्शवादी और मानवीय संबंध स्थापित करना। 3. छात्रों में वैचारिक दृष्टि का निर्माण करते हुए अनुसंधान के लिए प्रोत्साहन देना। 4. छात्रों में आंतरविद्याशाखीय अध्ययन के लिए रुचि पैदा करना। 5. विद्यार्थियों को अनुवाद, तुलनात्मक अध्ययन, सृजनात्मक लेखन और भाषा कौशल के नाते निपुण बनाना। अभियान : 1. हिंदी विभाग हिंदी भाषा और हिंदी साहित्य की एक बुनियादी समझ प्रदान करना चाहता है। 2. छात्रों को नैतिक, आदर्शवादी और मानवीय आधार प्रदान करना हिंदी विभाग के लिए एक अभियान है। 3. छात्रों में अनुसंधात्क दृष्टि का निर्माण करना। 4. विद्यार्थियों के श्रवण, भाषण, वाचन और लेखन कौशलों को विकसित करना। 5. विद्यार्थियों को एक जिम्मेदार इंसान और देश का नागरिक बनाना।Teaching Staff
Sr. No. |
Name of Faculty |
Designation |
Qualifications |
View Profile |
1 |
Dr. Gambhire A. K. |
Professor & Head |
M.A., Ph.D. |
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Mr. Patil Ashok C. |
Assistant Professor (CHB) |
M.A., M.Phil, SET, NET Ph.D. (Appear) |
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3 |
Mr. Shiakh Imran V. |
Assistant Professor (CHB) |
M.A., B.Ed. SET, Ph.D. (Appear) |
Courses & Syllabus:
S.N. |
Course |
Syllabus |
1 |
F.Y.B.A |
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2 |
S.Y.B.A. |
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3 |
T.Y.B.A. |
Programes & Course Outcomes:
बी.ए. हिंदी PO1: सामाजिक उत्तरदायित्व और जागरूकता: छात्र सीखते हैं. ज्ञान और सामाजिक विज्ञान, साहित्य और में लागू कर सकते हैं मानविकी जो उन्हें संवेदनशील बनाती है और बढ़ने में मदद करती है. जिम्मेदार नागरिक के रूप में क्षमता. यह सामाजिक भी बनाता है चेतना (BL6) PO2: मानवीय मूल्यों का समावेश: छात्र ज्ञान को लागू कर सकते हैं विभिन्न से निपटने के लिए आधार तैयार करने वाले मानवीय मूल्यों के साथ साहस और मानवता के साथ जीवन में समस्याएं (BL6) PO3: शिक्षार्थियों को सामाजिक और आर्थिक मुद्दों से परिचित कराना: शिक्षार्थी सामाजिक, आर्थिक, ऐतिहासिक, भौगोलिक, राजनीतिक, वैचारिक और दार्शनिक परंपरा और सोच (BL2) PO4: संचार और भाषाई कौशल: छात्र हासिल करते हैं अच्छा संचार और भाषाई कौशल जिसकी आवश्यकता है आधुनिक समय और कैंपस ड्राइव (BL3) के लिए आवश्यक PO5: योग्यता: यह स्नातकों को परीक्षा में बैठने के लिए सशक्त बनाता है प्रतियोगी परीक्षाएं और उच्च अध्ययन (BL6) PO6: रचनात्मकता: छात्रों में समाज सेवा की भावना आएगी और रचनात्मक क्षमता (BL6)Research
Activities
- Teachers’ Day
- Hindi Diwas 14 Sitambar
- Hindi Bhasha Pakhawada
Alumni
Sr No | Name | Post | Place |
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Future Plan
- राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करना
- पूर्व छात्रों के साथ विभाग के संबंध को मजबूत करना।
- आईसीटी सक्षम शिक्षण पर अधिक ध्यान देना।
- सह-पाठयक्रम गतिविधियों को बढ़ाना